क्या इसी एक दिन, होती है माँ महान। क्या इसी एक दिन, होती है माँ महान।
जब बात आई ज़ेवर पे , बोली पिता की निशानी है इसमें कोई न सुना न समझा सबको जब बात आई ज़ेवर पे , बोली पिता की निशानी है इसमें कोई न सुना न समझा सबको
उस शख्स ने बताया माँ जी ये आपका भ्रम है ले जाना तो आपको वृद्धाश्रम है। उस शख्स ने बताया माँ जी ये आपका भ्रम है ले जाना तो आपको वृद्धाश्रम है।
हैं राष्ट्रवाद के प्रवर्तक जो भी मन में उनके खुशियां छाई एक देश में एक विधान के मजबू हैं राष्ट्रवाद के प्रवर्तक जो भी मन में उनके खुशियां छाई एक देश में एक विध...
केसरिया, हरा, सफ़ेद तीनो रंगों को एक साथ कर दूं सारे हिंदुस्तानियों के चेहरे पे उसको म केसरिया, हरा, सफ़ेद तीनो रंगों को एक साथ कर दूं सारे हिंदुस्तानियों के चेहरे ...